Saturday, April 23, 2022

गंगा की वेदना - हिंदी कविता

गंगा की वेदना

गंगा की वेदना

दया तुझमें, कृपा मुझमेंमाता-पिता तू ही मेरी,

मेरा मजहबमेरा सरहदहैं जात तू ही मेरी।

इस ज़मीन से आसमान तक

फैली विशाल धारा तेरी

थकती नहीरूकती नही ,

बहती रेहती गंगा मेरी।।

सबकी आस सबका विकास - हिन्दी कविता

narendra modi

सबकी आस सबका विकास

गरीबी को जड़ से उखाड़कर रहूंगा

देश में रोज़गार लाकर रहूंगा

देश में उन्न्ति करके रहूंगा

किया है वादा  प्रिय मोदी जी ने ।।

कौशल भारत कुशल भारत

मोदी जी का यह कदम

करेगा भारतीयों की ज़िंदगी अलग