गंगा की वेदना
दया तुझमें, कृपा मुझमें, माता-पिता तू ही मेरी,
मेरा मजहब, मेरा सरहद, हैं जात तू ही मेरी।
इस ज़मीन से आसमान तक
फैली विशाल धारा तेरी
थकती नही, रूकती नही ,
बहती रेहती गंगा मेरी।।
Welcome to Kahaniya in Hindi blog. You can read Motivational Hindi stories here. Gulnaaz Ruhi is the Author of Kahaniya in Hindi.
दया तुझमें, कृपा मुझमें, माता-पिता तू ही मेरी,
मेरा मजहब, मेरा सरहद, हैं जात तू ही मेरी।
इस ज़मीन से आसमान तक
फैली विशाल धारा तेरी
थकती नही, रूकती नही ,
बहती रेहती गंगा मेरी।।
गरीबी को जड़ से उखाड़कर रहूंगा
देश में रोज़गार लाकर रहूंगा
देश में उन्न्ति करके रहूंगा
किया है वादा प्रिय मोदी जी ने ।।
कौशल भारत कुशल भारत
मोदी जी का यह कदम
करेगा भारतीयों की ज़िंदगी अलग