सुप्रभात दोस्तों !
मै आप के लिये नई कहानी लाई हू, " जिसका नाम है,
गॉव मे एक शाम नाम का धोबी रेहता था, उसके पास एक गधा था,
वह बहोत अलसी और, सुस्त था "जब भी शाम उसे किसी भी काम के' लिये बाहर लेकर जाता तो!
उसका गधा आलस करता, शाम अपने गॉव से दूसरे गॉव कपास गधे की,
पीठ पर डालकर ले जाता, लेकिन दूसरे गॉव जाने के लिये उसे बिच नदी को पार करना पड़ता!!
शाम रोज कपास का ऐसे ही व्यापार करता,
एक दिन गधे ने सोचा क्यों ना वो आज बिच रास्ते मै ही रुख जाये!
गधे ने कपास की रखी बोरी को, दूसरे गॉव तो पहुंचा दिया,
जब अगले दिन शाम ने गधे की, पीठ पर 3, 4 बोरी रखी तो गधा कमज़ोर पड़ने लगा!!
उसे लगा अब उससे, ये भार नहीं उठेगा वो नदी आते ही धीरे धीरे चलने लगता और शाम को और कमज़ोर,
बनकर दिखाता है, और वही नदी के बिच मै बैठ जाता है!
ऐसा करने से नमक की सारी बोरी, पानी मै गीली हो जाती है,
और नमक पानी मै घुल जाता "और शाम का बहोत नुकसान हो जाता!!
वह आधे रास्ते से ही गधे को लेकर घर लोट जाता है,
और घर जाकर गधे की खूब देख रेख करता और उसे ताजी हरी सब्जिया घास, आदि खिलाता!
गधा बहोत खुश होता, कुछ दिन बाद ज़ब शाम का गधा सेहत मंद हो गया तो,
शाम फिर उसके ऊपर नमक की बोरी रखकर, उसे दूसरे गॉव ले जाता!!
लेकिन शाम का गधा तो बहोत आलसी था, उसने दुबारा नदी आते ही धीरे धीरे चलना शुरू कर दिया,
और बिच नदी मै जाकर गिर गया, गधे के बार बार ऐसा करने से, शाम सोच मै पड़ गया!
गधा अब बहोत आलसी हो गया है, शाम अगले दिन ज़ब दुबारा गॉव जाने को अपने गधे को तैयार करता तो,
गधा शाम को सुस्त और बीमार हो कर दिखाता, शाम गधे की हरकतें देख समझ जाता!!
=) भूतिया बस - Motivational Hindi Story | Kahaniya in Hindi
अब ये बहोत आलसी हो गया है, इसे सबक सीखना ही पड़ेगा,
अब शाम गधे की पीठ पर कपास की तीन चार बोरी रख देता है!
और गधे को लेकर दूसरे गॉव मै जाता है, नदी आते ही शाम गधे को ज़ोर से दौड़ाने लगता है,
लेकिन गधा फिर बिच नदी मै जाकर बैठ जाता है, और कपास गीली हो जाती है!!
कपास गिली होने के कारण, कपास का वजन और भारी हो जाता है,
फिर वह गिली कपास को लेकर ही दूसरे गॉव चला जाता है!
तब गधे को पता चलता है चतुराई करने से कभी कोई आगे नहीं निकलता,
अर्थात जैसा गधे ने अपने मालिक के साथ चतुराई दिखाई, वैसे ही मालिक ने गधे के साथ किया!!
मै आप के लिये नई कहानी लाई हू, " जिसका नाम है,
आलसी गधा
वह बहोत अलसी और, सुस्त था "जब भी शाम उसे किसी भी काम के' लिये बाहर लेकर जाता तो!
उसका गधा आलस करता, शाम अपने गॉव से दूसरे गॉव कपास गधे की,
पीठ पर डालकर ले जाता, लेकिन दूसरे गॉव जाने के लिये उसे बिच नदी को पार करना पड़ता!!
शाम रोज कपास का ऐसे ही व्यापार करता,
एक दिन गधे ने सोचा क्यों ना वो आज बिच रास्ते मै ही रुख जाये!
गधे ने कपास की रखी बोरी को, दूसरे गॉव तो पहुंचा दिया,
जब अगले दिन शाम ने गधे की, पीठ पर 3, 4 बोरी रखी तो गधा कमज़ोर पड़ने लगा!!
उसे लगा अब उससे, ये भार नहीं उठेगा वो नदी आते ही धीरे धीरे चलने लगता और शाम को और कमज़ोर,
बनकर दिखाता है, और वही नदी के बिच मै बैठ जाता है!
ऐसा करने से नमक की सारी बोरी, पानी मै गीली हो जाती है,
और नमक पानी मै घुल जाता "और शाम का बहोत नुकसान हो जाता!!
वह आधे रास्ते से ही गधे को लेकर घर लोट जाता है,
और घर जाकर गधे की खूब देख रेख करता और उसे ताजी हरी सब्जिया घास, आदि खिलाता!
गधा बहोत खुश होता, कुछ दिन बाद ज़ब शाम का गधा सेहत मंद हो गया तो,
शाम फिर उसके ऊपर नमक की बोरी रखकर, उसे दूसरे गॉव ले जाता!!
लेकिन शाम का गधा तो बहोत आलसी था, उसने दुबारा नदी आते ही धीरे धीरे चलना शुरू कर दिया,
और बिच नदी मै जाकर गिर गया, गधे के बार बार ऐसा करने से, शाम सोच मै पड़ गया!
गधा अब बहोत आलसी हो गया है, शाम अगले दिन ज़ब दुबारा गॉव जाने को अपने गधे को तैयार करता तो,
गधा शाम को सुस्त और बीमार हो कर दिखाता, शाम गधे की हरकतें देख समझ जाता!!
=) भूतिया बस - Motivational Hindi Story | Kahaniya in Hindi
अब ये बहोत आलसी हो गया है, इसे सबक सीखना ही पड़ेगा,
अब शाम गधे की पीठ पर कपास की तीन चार बोरी रख देता है!
और गधे को लेकर दूसरे गॉव मै जाता है, नदी आते ही शाम गधे को ज़ोर से दौड़ाने लगता है,
लेकिन गधा फिर बिच नदी मै जाकर बैठ जाता है, और कपास गीली हो जाती है!!
कपास गिली होने के कारण, कपास का वजन और भारी हो जाता है,
फिर वह गिली कपास को लेकर ही दूसरे गॉव चला जाता है!
तब गधे को पता चलता है चतुराई करने से कभी कोई आगे नहीं निकलता,
अर्थात जैसा गधे ने अपने मालिक के साथ चतुराई दिखाई, वैसे ही मालिक ने गधे के साथ किया!!
शिक्षा : हमें कभी भी अपने कार्य के साथ चतुराई नहीं करनी चाहिए!!
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