Saturday, May 18, 2024

मां की ममता

 कहते हैं पुरुषों के हिस्सें,

कई माएँ आती हैं।


माँ तो होतीं हीं हैं,

बहनें भी माँ बन जाया करतीं हैं।

विवाह के बाद,

पत्नी भी माँ सा दुलार रखती हैं।

बड़ी होतीं बेटियाँ भी अक्सर, 

पिता से माँ का स्नेह जताती हैं।


लेकिन  स्त्रियों के हिस्सें,

बस एक बार हीं माँ आती हैं।

उसका भी एक समय सीमा होता है,

मायके के दहलीज लांघते हीं,

ये माँ भी अक्सर पीछे छुट जातीं हैं।


उसके बाद उस स्त्री से जीवनभर,

कोई माँ सा लाड़ नहीं जताता।

इस तरह माँ के प्यार से, 

वंचित रहती हैं स्त्रियाँ ताउम्र..