सुप्रभात दोस्तों !
मै आप के लिये नई कहानी लाई हू, " जिसका नाम है,
गॉव मे एक शाम नाम का धोबी रेहता था, उसके पास एक गधा था,
वह बहोत अलसी और, सुस्त था "जब भी शाम उसे किसी भी काम के' लिये बाहर लेकर जाता तो!
उसका गधा आलस करता, शाम अपने गॉव से दूसरे गॉव कपास गधे की,
पीठ पर डालकर ले जाता, लेकिन दूसरे गॉव जाने के लिये उसे बिच नदी को पार करना पड़ता!!
शाम रोज कपास का ऐसे ही व्यापार करता,
एक दिन गधे ने सोचा क्यों ना वो आज बिच रास्ते मै ही रुख जाये!
गधे ने कपास की रखी बोरी को, दूसरे गॉव तो पहुंचा दिया,
जब अगले दिन शाम ने गधे की, पीठ पर 3, 4 बोरी रखी तो गधा कमज़ोर पड़ने लगा!!
मै आप के लिये नई कहानी लाई हू, " जिसका नाम है,
आलसी गधा
वह बहोत अलसी और, सुस्त था "जब भी शाम उसे किसी भी काम के' लिये बाहर लेकर जाता तो!
उसका गधा आलस करता, शाम अपने गॉव से दूसरे गॉव कपास गधे की,
पीठ पर डालकर ले जाता, लेकिन दूसरे गॉव जाने के लिये उसे बिच नदी को पार करना पड़ता!!
शाम रोज कपास का ऐसे ही व्यापार करता,
एक दिन गधे ने सोचा क्यों ना वो आज बिच रास्ते मै ही रुख जाये!
गधे ने कपास की रखी बोरी को, दूसरे गॉव तो पहुंचा दिया,
जब अगले दिन शाम ने गधे की, पीठ पर 3, 4 बोरी रखी तो गधा कमज़ोर पड़ने लगा!!